Geeta Saar in Hindi | Essence of the Geeta pdf download 2021 9 ( Shree Mad Bhagwat Geeta)

Geeta Saar in Hindi (Essence of the Geeta)

Shree mad Bhagvat Geeta Saar मानव जीवन से सम्बंधित ज्ञान का एक संकलन है, जो भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई थी ! जब महाभारत के युद्ध में अर्जुन विचलित होकर अपने कर्तव्य से विमुख हो रहे थे! यह श्रीमद्भागवत् गीता का उपदेश आज से लगभग ७००० हजार वर्ष पूर्व सुनाई गयी थी! और इसकी सबसे बढ़ी खासियत यह है की आज के समय में उतना ही प्रसांगिक और प्रभावशाली है, जितना की उस समय में है, अगर किसी को भागवत गीता का कोई अंश आपको समझ में नही आ रहा है या फिर आपको लगता है की वो गलत है, तो आप ये समझ लीजिये की अभी तक आप उसे समझने के लायक नही है, अभी अपने आप को और तैयार कीजिये ! भागवत गीता तब तक प्रसांगिक रहेगा जब तक इस धरती पर मानव जीवन है!

 

Geeta Saar in Hindi | भागवत गीता सार

भागवत गीता में कुल 18 अध्याय है, यह संस्कृत में परमात्मा द्वारा दी गयी थी! समय के साथ संस्कृत भाषा लोगो के जिन्दगी से दूर होती चली गयी, और यह भागवत गीता का ज्ञान मनुष्य से दूर हो गया ! समय के साथ – साथ भागवत गीता को सरल भाषा में अनुवाद किया गया ! इसी कोशिश को आगे बढ़ाते हुए हम आपको भागवत गीता का संक्षिप्त सार आप सभी के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ !

ये ज्ञान भगवान श्री कृष्ण ने सबसे बड़े धर्म युद्ध महाभारत के रणभूमि कुरुक्षेत्र में अर्जुन को दिया था ! यह वह वक्त था जब धर्म का बार बार उलंघन हुया ! परमात्मा का डर मनुष्य से निकल गया ! लालच के होड़ में भाई ने भाई को मरने को कोशिश की, और यहीं नही एक स्त्री को भरी सभा में अपमानित किया गया !

भागवत गीता को युद्ध से कुछ समय पहले भगवान् श्री कृष्ण में मानव कल्याण के अर्जुन को दिया ! यह किताब परमात्मा के द्वारा दिया गया किताब है, यह मानव कल्याण के लिए है, यह उन कायदे को समझाती है जिसे मनुष्य के आत्मा को हरहाल में पालन करना होता है !

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श्रीमद्भागवत् गीता में कुछ १८ अध्याय है और इसमें कुल ७०० श्लोक है! इसमें मुख्य रूप से भक्ति, gyan और कर्मयोग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है और इन मार्गो पर चलने से वह व्यक्ति जीवन में सफल बन जाता है! इस गीता उपदेश को कुरुक्षेत्र में केवल अर्जुन के आलावा धृतराष्ट्र और संजय ने ही सूना था! आपको यह जानकर काफी आश्चर्य होगा की, गीता उपदेश अर्जुन से पहले भगवान् सूर्यदेव को दिया गया था!

श्रीमद्भागवत् गीता एक उपनिषद् है जो हमारे ग्रन्थ है, यह महाभारत का ही एक अंश है! श्रीमद्भागवत् गीता का एक प्रमुख सार यह भी है की मनुष्य को किसी भी परिस्थिति में घबराना नही चाहिए और ना ही उसे अपने कर्तव्य से विमुख होना चाहिए! जीत हमेशा सत्य को होती है और परिवर्तन ही संसार का नियम है!

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भागवत गीता के श्लोक

नैनं छिद्रन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक: ।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुत ॥
(द्वितीय अध्याय, श्लोक 23)

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
(चतुर्थ अध्याय, श्लोक 7)

परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे॥
(चतुर्थ अध्याय, श्लोक 8)

क्रोधाद्भवति संमोह: संमोहात्स्मृतिविभ्रम:।
स्मृतिभ्रंशाद्बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति॥
(द्वितीय अध्याय, श्लोक 63)

Source: Hindigyan.in

Geeta Saar in English (Essence of the Geeta)

(English)

 

  • WHATEVER HAPPENED WAS GOOD
  • WHATEVER IS HAPPENING IS GOOD
  • WHATEVER WILL HAPPEN WILL ALSO BE GOOD
  • WHAT HAVE YOU PARTED WITH THAT MAKES YOU CRY ?
  • WHAT DID YOU BRING WITH YOU THAT YOU HAVE LOST ?
  • WHAT DID YOU CREATE WHICH IS NOW DESTROYED ?
  • WHAT YOU HAVE TAKEN, YOU HAVE TAKEN ONLY FROM HERE.
  • WHAT WAS GIVEN WAS GIVEN ONLY FROM HERE.
  • WHAT IS YOURS TODAY, WAS SOMEONE ELSE’S YESTERDAY, WILL BE SOMEONE ELSE’S TOMORROW.

CHANGE IS THE LAW OF THE UNIVERSE

 

GEETA SAAR

(Hindi)

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